पिरामिड मेडिटेशन चैनल (पीएमसी) ने लॉन्च किया दुनिया का पहला आध्यात्मिक विज्ञान और जीवन शैली चैनल हिंदी में

 

आध्यात्मिक विज्ञान और जीवन शैली पर फोकस है पीएमसी चैनल

जीवन की समस्याओं से पार पाने का बेहतरीन तरीका है आध्यात्म और ध्यान : डी आर कार्तिकेयन

नई दिल्ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो सीबीआई के पूर्व निदेशक पद्मश्री डी आर कार्तिकेयन ने कहा कि आजकल लोग प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ में कई समस्याओं से घिरे रहते हैं, यदि इसका समाधान चाहिए तो कुछ समय अपने लिए निकालना होगा। आध्यात्मम और ध्यान के बूते जीवन की अधिकतर समस्याओं का समाधान व्यक्ति खोज सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सनातन संस्कृति सहित विज्ञान भी इस बात को स्वीकार करता है कि जैसा आप अन्न खाएंगे, वैसा ही आपका मन होगा, इसलिए सात्विक शाकाहार बनिए। यह सभी के लिए सर्वश्रेष्ठ है।

पद्मश्री डीआर कार्तिकेयन राजधानी दिल्ली के साईं ऑडिटोरियम में पिरामिड मेडिटेशन चैनल (पीएमसी) के हिंदी संस्करण के लॉन्च पर बोल रहे थे। बतौर मुख्य अतिथि उन्होंने ब्रह्मश्री पात्री जी के व्यक्तित्व और उनके कार्यां की प्रशंसा की और अपने अनुभव को साझा किया। कार्यक्रम के दौरान प्रसिद्ध बांसुरीवादक पद्मभूषण पंडित हरिप्रसाद चौरसिया के भतीजे राकेश चौरसिया के बांसुरी वादन ने लोगों का मन मोह लिया।

पीएमसी की ओर से कहा गया है कि जब भारत अपना 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा है, देश के आध्यात्मिक विज्ञान के प्राचीन ज्ञान की शक्ति को आगे बढ़ाने के लिए, दुनिया के पहले आध्यात्मिक विज्ञान और जीवन शैली चैनल, पिरामिड मेडिटेशन चैनल (पीएमसी) ने आज हिंदी में अपना उपग्रह संस्करण लॉन्च किया है। PMC हिंदी चैनल अब Jio TV, SITI Cable, DEN Network, Fast WAY, NXT/IN Digital पर 24X7 प्रसारित किया जाएगा और पहले कुछ महीनों में 2.5 करोड़ से अधिक घरों तक पहुंच जाएगा।
कार्यक्रम के दौरान पूरा ऑडिटोरियम खचाखच भरा हुआ था। इस अवसर पर पिरामिड स्पिरिचुअल सोसाइटीज मूवमेंट की सह-संस्थापक स्वर्णमाला पत्री जी और महाबोधि इंटरनेशनल मेडिटेशन सेंटर के संस्थापक भिक्कू संघसेना जी ने ध्यान, पिरामिड ऊर्जा और शाकाहार के बारे में विस्तार से बताया।
वक्ताओं ने कहा कि  पिरामिड ऊर्जा प्रत्येक वस्तु अपनी-अपनी अहमियत लिए होती है। तभी तो माना जाता है की हर चीज का व्यक्ति पर सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। एक ऊर्जा पिरामिड एक आरेख होता है जो उत्पादकों, प्राथमिक उपभोक्ताओं और अन्य ट्राफिक स्तरों द्वारा उपयोग की जाने वाली ऊर्जा की तुलना करता है। दूसरे शब्दों में, एक ऊर्जा पिरामिड दिखाता है कि प्रत्येक ट्राफिक स्तर पर कितनी ऊर्जा उपलब्ध है। खाद्य शृंखला के प्रत्येक ट्राफिक स्तर पर ऊर्जा खो जाती है।

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