इस साल 26 जनवरी के दिन 23 झांकियां, कब हुई थी इसकी शुरुआत

हाईलाइटर : इस साल पहली बार नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की झांकी को शामिल किया गया है। इसके माध्ण्यम से नशे से दूरी का संदेश दिया जा रहा है। झांकी के साथ उसके कर्मी और श्वान दस्ते के दो सदस्य भी परेड में हिस्सा ले रहे हैं।

नई दिल्ली। देश गणतंत्र दिवस का पर्व पूरे हर्ष और उल्लास के साथ मना रहा है। 26 जनवरी, 2023 को पूरे आन-बान-शान से 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 23 झांकियां अलग-अलग संदेश को प्रसारित कर रही है। इस वर्ष इसका थीम भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष, मोटे अनाज के रूप में बाजरा का अंतर्राष्ट्रीय महत्व और नारी शक्ति है। हरियाणा की झांकी के माध्यम से पूरी दुनिया श्रीमद्भगवद्गीता के शाश्वत संदेश से रू-ब-रू होगी।

बता दें कि 22 जनवरी को रक्षा मंत्री ने घोषणा की कि 17 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश, जैसे कि पश्चिम बंगाल, असम, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा और जम्मू और कश्मीर, गणतंत्र दिवस परेड के लिए कर्तव्य पथ पर अपनी झाँकी प्रदर्शित करेंगे। हर साल, सितंबर के आसपास, रक्षा मंत्रालय, जो गणतंत्र दिवस परेड और समारोहों के लिए जिम्मेदार होता है, सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, केंद्र सरकार के विभागों और कुछ संवैधानिक अधिकारियों को भेजने के लिए कहकर झांकी तय करने की प्रक्रिया शुरू करता है। उसके बाद ही झांकियों को अंतिम रूप दिया जाता है।

क्या आपको पता है कि यह झांकी पहली बार कब निकाली गई थीं ? उसका स्वरूप क्या था ? आपको बता दें कि 26 जनवरी, 1950 को भारत का संविधान लागू कर दिया गया था। अपना देश गणतंत्र बन गया। उसके बाद साल 1953 में पहली बार 26 जनवरी को राजपथ पर पहली बार गणतंत्र दिवस समारोह में झांकी का आयोजन किया था। इन झांकियों की सलामी देश के पहले महामहिम डॉ राजेंद्र प्रसाद ने ली थी। पहली बार झांकी में सांस्कृतिक कार्यों के साथ आदिवासी नृत्य को शामिल किया गया था। भारत की एकता और सांस्कृतिक विविधता को पूरे देश ने देखा था। उसके बाद से यह सिलसिला जारी है। बाद में इसमें समय के साथ बदलाव और विकास होते गए हैं।

यहां ध्यान देने बात यह भी है कि राजपथ का नाम साल 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अनुशंसा पर कर्तव्य पथ कर दिया गया है।

द हिन्दी अपने पाठकों के साथ यह जानकारी भी साझा करना चाहता है कि गणतंत्र दिवस पर निकाली जाने वाली झांकियों का चयन करने की जिम्मेदारी केंद्रीय रक्षा मंत्रालय की होती है। चयन से लेकर परेड और झांकी के आयोजन और प्रबंधन की सारी व्यवस्था रक्षा मंत्रालय ही करता है।

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