नई शिक्षा नीति : हिंदी को लेकर फिर बवाल ?

नई शिक्षा नीति का इंतजार लगभग दो साल से किया जा रहा था. कस्तूरीरंगन समिति ने मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को इसका मसविदा सौंपा था. नई शिक्षा नीति के मसविदे में कहा गया है कि एक अजनबी भाषा में अवधारणाओं पर समझ बनाना बच्चों के लिए मुश्किल होता है और अक्सर उनका ध्यान इसमें नहीं लगता. जहां तक संभव हो, कम से कम पांचवी कक्षा तक बच्चों की पढाई मातृभाषा में ही होनी चाहिए.

इसमें कहा गया है कि छोटे बच्चों की सीखने की क्षमताओं को पोषित करने के लिए प्री-स्कूल और पहली कक्षा से ही तीन भाषाओं से अवगत कराया जाना चाहिए ताकि तीसरी कक्षा तक पहुंचते-पहुंचते बच्चे इन भाषाओं में बोलने के अलावा लिपि भी पहचानने लगें.

असल में, नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार के दूसरी बार सत्ता में आने के बाद त्रिभाषा फार्मूले संबंधी नई शिक्षा नीति के मसविदे पर विवाद गहराने लगा है. दक्षिण भारतीय राज्यों में हिंदी थोपने के इस कथित प्रयास का बड़े पैमाने पर विरोध हो रहा है और तमाम राजनीतिक दलों ने एकजुट होकर इसके खिलाफ आवाज उठाई है. तमिलनाडु में डीएमके के सांसदों ने इसका विरोध करते हुए चेताया है कि अगर हिंदी को थोपने का प्रयास किया गया तो फिर आंदोलन होगा.

इस मुद्दे पर विरोध के तेज होते स्वरों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार अब डैमेज कंट्रोल पर उतर आई है. उसने सफाई दी है कि सरकार किसी भी प्रदेश पर कोई भाषा नहीं थोपेगी.शिक्षा नीति के बढ़ते विरोध को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार अब डैमेज कंट्रोल की कवायद पर उतर आई है. मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल कहते हैं, “सरकार अपनी नीति के तहत सभी भारतीय भाषाओं के विकास के लिए कृतसंकल्प है. किसी भी राज्य पर कोई भाषा थोपी नहीं जाएगी.”

उनका कहना है कि मसविदे पर विभिन्न पक्षों और आम लोगों की राय के बाद ही कोई अंतिम फैसला किया जाएगा. दक्षिण भारतीय राज्यों में कथित तौर पर हिंदी भाषा थोपने को लेकर जारी विरोध पर पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर कहते हैं, “किसी पर कोई भाषा थोपने का विचार नहीं है. हम देश की सभी भाषाओं को प्रमोट करना चाहते हैं.” त्रिभाषा फार्मूले पर वह कहते हैं कि अभी यह प्रस्ताव है. आम लोगों की राय के बाद ही इस पर कोई फैसला किया जाएगा. नई शिक्षा नीति का मसविदा प्रकाश जावड़ेकर के मानव संसाधन विकास मंत्री रहते हुए तैयार किया गया था.

Nayi shiksha niti

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