सिर्फ विदेशी नस्लों से ही नहीं देशी नस्लों से भी करें प्यार..

ratan tata

Ratan Tata: भारत के जाने माने उधोगपति और टाटा समूह पूर्व चेयरमैन रतन टाटा के बारे में आपने सुना तो होगा ही। जी हां भारतीय संस्कृति में सिर्फ मनुष्यों को ही नहीं बल्कि जानवरों को भी प्यार स्नेह और देखभाल की परंपरा रही है। इसी परंपरा और भारतीय संस्कृति से अभिप्रेरित देश के जाने माने उधोगपति रतन टाटा ने एक बार फिर से सभी को चौंका दिया है। इस बार मामला एक स्ट्रीट डॉग से जुड़ा है। उम्र की इस दहलीज पर भी देशी नस्ल के जानवरों के प्रति इतना प्यार आज की दुनिया में कहां देखने को मिलता है।

जी हां रतन टाटा को सिर्फ महंगे कुत्ते ही नहीं, बल्कि गलियों में पाये जाने वाले देशी नस्ल के कुत्तों से भी उतना ही लगाव है। बीते दिनों रतन टाटा को मुंबई की सड़कों पर एक कुत्ता मिला है। रतन टाटा अपने सोशल मीडिया की मदद से उस कुत्ते के मालिक को ढ़ूंढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। टाटा ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि ,मेरे ऑफस को कल रात मुंबई के सायन अस्पताल में एक खोया हुआ कुत्ता मिला है। अगर वो आपका कुत्ता है या आपके पास उसका कोई पता है ,तो कृपया स्वामित्व के कुछ सबूत के साथ reportlostdogs@gmail.com पर ईमेल करें।

टाटा जैसे बड़े और व्यस्त जीवन वाले व्यक्ति के इस तरह देशी नस्लों के जानवरों के प्रति प्यार ने आज के युवाओं के बीच एक नई मिशाल को कायम किया है। देश में एक बार फिर से देशी नस्लों के जीवों के प्रति प्यार और देखभाल को लेकर यूजर्स सोशल मीडिया पर साकारात्मक विचार और प्रतिक्रिया दे रहे हैं। यूजर्स देशी नस्ल के जानवरों को लेकर मजबूत कानून बनाने तथा उनकी देखभाल करने के लिए संस्था विशेष बनाने की मांग तक कर रहे हैं। बताते चलें कि आज वैश्विक चलन के कारण भारत में भी लोग अपने देशी नस्लों के जानवरों को छोड़कर विदेशी नस्लों के जानवरों को तरजीह दे रहे हैं। ऐसे में देश के इस बड़े उधोगपति के देशी नस्लों के प्रति प्यार से शायद आज की पीढ़ी को एक अलग राह मिले और वे सिर्फ महंगे विदेशी नस्ल के जानवरों को ही तरजीह ना दें।

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