इससे पूर्व जानकी देवी काॅलेज की प्रिंसिपल डाॅ स्वाति पाल ने अतिथियों का स्वागत पौधा एवं स्मारिका के साथ किया। कार्यक्रम की संचालक डाॅ सौम्या गुप्ता, नताशा नाॅग्बरी और डाॅ मनीषा अग्निहोत्री रहीं। कार्यक्रम का परिचय डाॅ सौम्या गुप्ता ने दिया। कार्यक्रम की शुरूआत में ही अतिथियों ने काॅलेज परिसर में पौधारोपण किया और संदेश दिया कि हम सभी को पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान देना होगा। यही समय की मांग है। डाॅ स्वाति पाल ने बताया कि किस तहर से संस्था के संस्थापक ब्रजकृष्ण चांदीवाला एक सच्चे गांधीवादी थे। डाॅ पाॅल ने विद्यार्थियों को सदैव सुनने, सीखने और उसके क्रियान्वयन पर ध्यान देने को कहा।
सेमिनार में अन्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर आलोक राय, प्रोफेसर शाहिद अमीन, डाॅ निशिकांत कोलगे एवं डाॅ रिंकू लांबा ने अपनी बातें रखीं। प्रो आलोक राय ने हिन्दी एवं हिन्दुस्तानी भाषा के प्रचार में गांधी जी के योगदान के विषय में बात कही। वहीं प्रो शाहिद अमीन ने गांधी के चंपारण यात्रा और किसानों के प्रति सहानुभूति का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि गांधी जी की सूक्ष्मता आज के दौर में भी अति प्रासंगिक है।
सेमिनार के दूसरे सत्र में डाॅ निशिकांत कोलगे ने गांधी जी को केवल नैतिक ही नहीं, बल्कि राजनीतिक प्रमुख भी बताया। गांधी और अहिंसा के विषय में उन्होंने कहा कि अहिंसा का अर्थ कायरता नहीं है। अपने वक्तव्य में डाॅ रिंकू लाम्बा ने गांधी में गांण्धी एवं कबीर की जीवन का तुलनात्मक आकलन किया। मंच संचालन विभाग के छात्र संघ से हिमांशी गर्ग और शिवांगी गर्ग ने किया। डाॅ संध्या गर्ग एवं मनीषा अग्निहोत्री ने धन्यवाद प्रस्ताव किया।
Janki devi college me mahatma gandhi pr seminar