त्याग की प्रतिमूर्ति “श्रीराम” के पर्याय बनते जा रहे हैं विधायक नीरज शर्मा

neeraj sharma

फरीदाबाद। जिसने अपना सबकुछ समाज और देश के लिए अर्पित कर दिया हो, वह साक्षात मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का अनुचर हो जाता है। भगवान श्रीराम के जीवन दर्शन को यदि एक पंक्ति में कहा जाए तो हम सकते हैं कि समाज और लोकहित में जिसने सर्वस्व दिया, वह श्रीराम हैं। इसी सूत्र को अपने जीवन में आत्मसात करते हुए फरीदाबाद एनआईटी से विधायक नीरज शर्मा सार्वजनिक जीवन में सेवा कर रहे हैं। जब भी उनसे बातचीत होती है, यही कहते हैं:
मो सम दीन न दीन हित तुम्ह समान रघुबीर
अस बिचारि रघुबंस मनि हरहु बिषम भव भीर ॥

इस साल कोरोना में जिस प्रकार से उन्होंने लोगों की सेवा की है, उसकी गूंज पूरे विधानसभा में है। हर वर्ग और हर समुदाय के लोग इनकी सराहना करते हैं। इस संबंध में उनसे बात की, तो उन्होंने कहा कि यह तो सब प्रभु श्रीराम का प्रताप है। मैं तो निमित्त मात्र हूं। प्रभु श्रीराम की कृपा सब पर बनी रही, इसके लिए मैंने इस बार नवरात्र में रामकथा का आयोजन किया है।

विधायक नीरज शर्मा कहते हैं कि कोराना का दौर है। हमें पूरी तरह से सरकारी और स्वास्थ्य मानकों का ख्याल रखना है। इसलिए हमने इस बार आॅनलाइन सुविधा भी रखी है। जो भक्त यहां नहीं आ पाएंगे वो अपने घरों में, कार्यस्थलों पर रामकथा का पुण्य ले सकते हैं। यह रामकथा पूरे विधि विधान के साथ 17 अक्टूबर से लेकर 25 अक्टूबर तक चलेगा।

आखिर रामकथा ही क्यों ? इस सवाल पर विधायक नीरज शर्मा कहते हैं कि मैंने श्री राम कथा का पाठ पहले भी किया था, झांझ नहीं बजाए थे। असल में, विधायक विपक्षियों के उन बयानों पर कटाक्ष किया, जो कहते थे कि नीरज शर्मा बैठ कर सिर्फ झांझ बजा रहा है और मजदूरों के नाम पर कंपनी मालिकों से सेटिंग कर रहा है। श्री नीरज शर्मा ने कहा कि 30 दिन तक जेसीबी चैक पर श्री राम कथा का पाठ किया। सड़क से लेकर विधानसभा तक मानवाधिकार आयोग से लेकर राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय मीडिया तक कोई मंच ऐसा नहीं रहा जहां वीनस के हाथ कटे कर्मचारियों की चर्चा न हुई हो।  श्री शर्मा ने कहा कि उस राम कथा का ही फल था कि कंपनी प्रबंधन को झुकना पड़ा और कुल 62 कर्मचारियों में से 23 अंग भंग कर्मचारियों को वापस नौकरी पर लिया गया। अन्य कर्मचारियों को भी कंपनी ने पूरा हिसाब दिया।
विधायक ने बताया कि मुझे समाजसेवा करते करते कब कोरोना हुआ, पता नहीं चला। अब मैं पूरी तरह से स्वस्थ्य हूं। कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद यह मेरा दूसरा जीवन है, जो इन कर्मचारियों और उनके परिवारों की दुआओं से ही संभव हुआ है। इसलिए हमने निर्णय लिया है कि हम प्रभु श्रीराम की कथा एक बार फिर वैश्विक कल्याण के लिए करेंगे। और तो और, राम कथा का मैं स्वयं पाठ करूँगा।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि संभवतः यह रामकथा का पुण्य ही है कि मेरे जीवन में सबसे अधिक चाहे-अनचाहे प्रभु श्रीराम का आशीष रहा है। एक दिन भी जीवन का नहीं जाता जब एनआईटी मेरे चिंतन में नहीं रहती हो। हार्डवेयर से लेकर प्याली चैक तक के रास्ते को लेकर मैं लगातार निगम के अधिकारियों को लिखता रहा हूँ। दुर्भाग्य यह है कि एनआईटी  फरीदाबाद विधानसभा में घुसने के दो ही रास्ते हैं। एक बल्लभगढ़ विधानसभा का हिस्सा है दूसरा बडखल विधानसभा का। दोनों को ठीक करने को लेकर मैं लगातार अधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री तक मिला हूँ लेकिन नगर निगम भ्रष्टाचार में आकंठ डूबा है, इन भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कोई भी कार्यवाही करने को तैयार नहीं है। हमें पूरा विश्वास है कि प्रभु श्रीराम की कथा सुनने से इन अधिकारियों को भी सदबुद्धि आएगी और समाज का कल्याण होगा।

Tyag ki primurti shrimaan ke prayey bante jaa rhe hai vidhayak neeraj sharma

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