अब प्राचीन नगरी वाराणसी में भी लीजिए आधुनिक क्रूज का आनंद।

टीम हिन्दी
अपने ऐतिहासिक घाटों, भव्य मंदिरों और भोजन के विशिष्ट स्वाद के कारण वाराणसी भारत के सबसे लोकप्रिय धार्मिक स्थलों में से एक माना जाता है। एक चीज़ और है जो इस नगर को एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल के रूप में और भी आकर्षक बनाती है और वो है – गंगा नदी! यह नदी नगर को एक अनोखी पहचान प्रदान करती है। यदि देखा जाए तो, वाराणसी और गंगा नदी अब एक दूसरे के पर्याय ही बन गए हैं। नगर का दैनिक जीवन अधिकांशतः गंगा नदी के इर्द – गिर्द ही घूमता है। और यह सब यहां के लोगों की जीवनशैली और रोजमर्रा की बातों में झलकता भी है।
दुनिया के सबसे पुराने शहरों में से एक वाराणसी अब गंगा नदी और अपने घाटों के अलावा अलकनंदा क्रूज के लिए भी जाना जाता है। पवित्र शहर वाराणसी में उसके घाटों के शांत एवं आध्यात्मिक वातावरण का आनंद लेने के सिवा अब आप अलकनंदा नामक लग्ज़री क्रूज की सवारी का आनंद भी ले सकते हैं। यह क्रूज अस्सी घाट और राजघाट के बीच चलता है।
Varanasi Luxury Cruise
• अलकनंदा क्रूज डबल डेकर है। इसमें नीचे के डेक में 60 और ऊपर के डेक पर 30 लोग बैठ सकते हैं।
• क्रूज में खाने-पीने से लेकर मनोरंजन का पूरा ध्यान रखा गया है। क्रूज में स्ट्रीट फूड से लेकर बनारस और दुनियाभर के कई व्यंजन मिलते हैं। सेकेंड फ्लोर पर अत्याधुनिक रेस्त्रां है, जहां ऑन डिमांड डिश भी बनाई जाती हैं। इसके अलावा भारतीय शास्त्रीय संगीत भी चलता रहता है।
• क्रूज में साफ-सफाई का ​विशेष ध्यान रखा गया है। अंदर अलग-अलग कचरे को फेंकने के लिए अलग-अलग डस्टबिन रखे गए हैं। बायो-टॉयलेट बनाए गए हैं। पर्यावरण का ध्यान रखते हुए क्रूज के इंजन को पूरी तरह से साउंड प्रूफ बनाया गया है। क्रूज में सुरक्षा जैकेट और लाइफगार्ड भी हैं। साथ ही किसी इमरजेंसी के लिए लाइफ बोट भी है।
• अलकनंदा क्रूज पर सवारी के लिए आपको 900 रुपए खर्च करने होंगे। ‘सुबह-ए-बनारस’ देखने के लिए मॉर्निंग क्रूज की बुक्रिंग करनी होगी। इसके लिए 900 रुपए खर्च करने होंगे। यह सवारी सुबह 7 बजे से 9:30 बजे तक होगी। बुकिंग के बाद व्यक्ति को 7 बजे तक रिपोर्ट करना होगा। देरी होने पर आप क्रूज की सवारी नहीं कर पाएंगे। शाम की गंगा आरती देखने के लिए इवनिंग क्रूज बुक करना होगा। इसके लिए भी 900 रुपए चुकाने होंगे। शाम पांच बजे से साढ़े छह बजे तक क्रूज पर बैठ कर आप गंगा आरती का आनंद ले सकते हैं।
वाराणसी सिर्फ भारत के लोगों के लिए ही आकर्षण का केंद्र नहीं रहा, बल्कि इस प्राचीन नगर को देखने विदेशों से भी सैलानी यहां आते हैं। यह शहर अपने प्राचीन इतिहास के कारण विदेशी सैलानियों को तो अपनी ओर आकर्षित करता ही है साथ ही इसकी छोटी छोटी दुकानें, भोजनालय और टेढ़ी – मेढ़ी गलियां बरबस ही पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करती है। यहां के रंगीन घाट, यहां होने वाले धार्मिक अनुष्ठान एवं समारोह के साथ साथ यहां के दैनिक जीवन की भी एक झलक पेश करते हैं। और अब तो आधुनिक सुविधाओं से लबरेज़ अलकनंदा क्रूज के आ जाने से इस प्राचीन नगर के पर्यटन बाज़ार को भी एक नई ऊंचाई प्राप्त हो रही है।
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