लोग हर साल आने वाले दो नवरात्रों के बारे में जानते हैं -चैत्र या वासंतिक नवरात्र और आश्विन या शारदीय नवरात्र. पर क्या आप जानते हैं इसके अलावा भी दो और नवरात्र होते हैं. इन नवरात्रों में देवी के उपासक अपनी विशेष कामनाओं की सिद्धि के लिए उनकी पूजा करते हैं. इन नवरात्रों के बारे में कम ही लोग कुछ जानते हैं. यही वजह है कि इन नवरात्रों को गुप्त नवरात्र कहा जाता है. इस साल की दूसरी गुप्त नवरात्रि आज यानी 3 जुलाई से शुरू हो गई है और 10 जुलाई तक चलेगी. बता दें इस नवरात्रि में मां भगवती के गुप्त स्वरूपों की पूजा होती है इसलिए इसे गुप्त नवरात्रि कहा जाता है. ये नवरात्रि तंत्र विद्या को मानने वाले लोगों के लिए काफी खास होती है. मान्यता है कि इन दिनों तांत्रिक प्रयोगों का फल मिलता है और धन प्रात्ति के रास्ते खुलते हैं.
साल में कुल 4 नवरात्र पड़ते हैं जिसमें से ज्यादातर लोग 2 नवरात्र के बारे में जानते हैं. इनमें पहली नवरात्र चैत्र महीने में आती है जिसे वासंतिक नवरात्र कहते हैं और दूसरी आश्विन माह में आती है जिसे शारदीय नवरात्रि कहते हैं. लेकिन इन दोनों नवरात्रियों के अलावा दो नवरात्रि और भी है जिनका काफी महत्व बताया गया है. इन्हें गुप्त नवरात्रि कहा जाता है. इनमें से पहला गुप्त नवरात्र माघ महीने के शुक्ल पक्ष में और दूसरा आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष में मनाया जाता है.
गुप्त नवरात्र में माता की शक्ति पूजा एवं अराधना अधिक कठिन होती है और माता की पूजा गुप्त रूप से की जाती है इसी कारण इन्हें गुप्त नवरात्र की संज्ञा दी जाती है. इस पूजन में अखंड जोत प्रज्वलित की जाती है. प्रात:कल एवं संध्या समय देवी पूजन-अर्चन करना होता है. गुप्त नवरात्र में तंत्र साधना करने वाले दस महाविद्याओं की साधना करते हैं. नौ दिनों तक दुर्गा सप्तशति का पाठ किया जाता है. अष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजन कर व्रत पूर्ण होता है.
गुप्त नवरात्र में दस महाविद्याओं के पूजन को प्रमुखता दी जाती है. भागवत के अनुसार महाकाली के उग्र और सौम्य दो रुपों में अनेक रुप धारण करने वाली दस महा-विद्याएँ हुई हैं. भगवान शिव की यह महाविद्याएँ सिद्धियाँ प्रदान करने वाली होती हैं. दस महाविद्या देवी दुर्गा के दस रूप कहे जाते हैं. प्रत्येक महाविद्या अद्वितीय रुप लिए हुए प्राणियों के समस्त संकटों का हरण करने वाली होती हैं. इन दस महाविद्याओं को तंत्र साधना में बहुत उपयोगी और महत्वपूर्ण माना जाता है.
क्या अंतर है सामान्य और गुप्त नवरात्रि में
– सामान्य नवरात्रि में आम तौर पर सात्विक और तांत्रिक पूजा दोनों की जाती है.
– वहीं गुप्त नवरात्रि में ज्यादातर तांत्रिक पूजा की जाती है.
– गुप्त नवरात्रि में आमतौर पर ज्यादा प्रचार प्रसार नहीं किया जाता, अपनी साधना को गोपनीय रखा जाता है .
– ऐसी मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि में पूजा और मनोकामना जितनी ज्यादा गोपनीय होगी, सफलता उतनी ही ज्यादा मिलेगी.
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