पुस्तक मेला में आए लोगों ने “द हिंदी” की टीम के साथ “हिंदी में हस्ताक्षर अभियान में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।
World Book Fair 2024:- 10 फरवरी यानी कि बीते शनिवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने विश्व पुस्तक मेला 2024 का उद्घाटन किया | साथ ही उन्होंने कहा कि भारत एक मात्र ऐसा देश है जहां अनेक भाषाएँ बोली जाती है। पुस्तकें और भाषा हमारी धरोहर है | इस बार के मेले की थीम थी-देश एक भाषाएं अनेक और बहुभाषी। यह मेला 18 फरवरी तक चलेगा |
गुरुवार को पुस्तक मेले में “द हिन्दी” की टीम ने अपनी #हिंदी में हस्ताक्षर अभियान को युवाओ तक पहुचाया | लोगों ने हिंदी में हस्ताक्षर करके “हिंदी में हस्ताक्षर” अभियान को मजबूत बनाया| साथ ही हिंदी भाषा पर अपने विचारों को रखा| हिंदी के लिए युवाओ से लेकर बुजुर्गों तक सब का जोश देखने लायक था|
पुस्तक मेले में आपको कई भाषाओं की किताबें देखने को मिल जाएंगी | पुस्तक मेला हॉल नंबर 1 से 5 तक घूमा जा सकता है| मेले में प्रवेश करते ही आपको अलग वातावरण देखने को मिल जाएगा | हॉल में किसी भी प्रकार का प्रचार प्रसार करता हुआ कोई व्यक्ति आपको नहीं दिखेगा | खाने के लिए भी कई स्टाल दिख जाएंगे जहां आप इंडियन खानो के साथ साथ चाइनीस खानो का मजा भी ले सकते हैं|
कौन कौन से मेट्रो स्टेशन से ले सकते आप टिकट
पुस्तक मेले से जुड़ी टिकटें वेलकम, दिलशाद गार्डन, रिठाला, जी टी बी नगर, विश्वविद्यालय, कश्मीरी गेट, राजीव चौक, नोएडा सेक्टर -52, नोएडा सिटी सेंटर, बॉटेनिकल गार्डन, वैशाली, इंद्रप्रस्थ, सुप्रीम कोर्ट, मंडी हाउस, कीर्ति नगर, द्वारका, मुनिरका, आईटीओ, आईएनए के साथ-साथ कुल 20 मेट्रो स्टेशन पर उपलब्ध होंगी, जहां से आप पुस्तक मेले के लिए टिकट ले सकते है | पुस्तक मेले में सुबह के 9 बजे से शाम 4 बजे तक प्रवेश किया जा सकता है| बच्चों के लिए टिकट की राशि 10 रुपए है तो वहीं युवाओं के लिए 20 रुपए का शुल्क भुगतान करना होगा| पुस्तक मेले में प्रगति मैदान के प्रवेश द्वार 4, 6 और 10 से आप प्रवेश कर सकते है | इस तक पहुंचने के लिए नजदीकी मेट्रो स्टेशन सुप्रीम कोर्ट पड़ेगा। जहां से आपको मेले तक पहुंचने के लिए ई-रिक्शा मिल जाएगा। साथ ही दिव्यांगजनों के लिए प्रवेश द्वार 4 और 8 पर व्हीलचेयर भी उपलब्ध कराए गए हैं।
और पढ़ें-
रक्षासूत्र का केवल धार्मिक ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक महत्व भी है..जानिए विस्तार से
सदियों से इस्तेमाल में आने वाले गुलकंद के हैं कई फायदे, जानिए विस्तार से
भारत की पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों में क्या है खास ? जानें विस्तार से