78 वर्षीय पद्मश्री उषा किरण खान का लंबे समय से बीमार रहने के बाद रविवार को लीं अंतिम सांसे
Usha Kiran Khan Death News: 78 वर्ष की उम्र में लेखिका उषा किरण खान ने रविवार दोपहर को तीन बजकर आठ मिनट पर अंतिम सांस ली। वह कई दिनों से बीमार थीं। उनको सास लेने में परेशानी हो रही थी। आपको बता दें, कि लेखिका पद्मश्री से सम्मानित थी। उनके निधन से साहित्य जगत में शोक व्यापत है। उनका अंतिम संस्कार सोमवार 11:30 बजे पटना के दीघा घाट पर किया गया|
उनका जन्म 24 अक्टूबर 1945 में हुआ था। उनके एक पुत्र और तीन पुत्रियां है। इनके पुत्र पटना हाई कोर्ट में वकील है, बड़ी बेटी मध्य प्रदेश पुलिस की ए डी जी है, दूसरी बेटी दिल्ली में रहती है तथा तीसरी बेटी मशहूर कलाकार है, यह पहले डॉ खान बीड़ी कॉलेज में प्राचीन भारतीय इतिहास और पुरातत्व विज्ञान की विभागाध्यक्ष भी थी।
किरण जी की कई कालजयी रचनाएं भी हैं। जिनमें से प्रमुख है अगन हिंडोला, अड़हुल की वापसी, यायावर रहेगा याद, पानी पर लकीर, फागुन के बाद सीमांत कथा, गीली पाक, कासवन और दुबजान। इतना ही नहीं 2015 में उनको पद्मश्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया |
उनका बाल साहित्य और लेखनी में काफी नाम रहा है। उन्हें हसीन मंजिल उपन्यास ने बहुत ज्यादा ख्याति दी थी। जिसका अनुवाद उर्दू व अंग्रेजी में भी किया गया था। उन्हें, बिहार राष्ट्रभाषा परिषद्, राज्यभाषा विभाग से महादेवी वर्मा सम्मान , साहित्य अकादमी पुरस्कार के साथ साथ कई अन्य पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है।