बुधवार, 25 दिसंबर 2024
Close
Uncategorized

‘ब्रेन बूस्टर’ के लिए उपयोगी है ब्राह्मी

‘ब्रेन बूस्टर’ के लिए उपयोगी है ब्राह्मी
  • PublishedJune , 2019

टीम हिन्दी

आधुनिकता के रंग में रंगे लोग जब अत्यधिक परेशान होते हैं, तो प्रकृति की शरण में जाते हैं. मानसिक रूप से परेशान होने पर प्रकृति की गोद में किसी रमणीय स्थान की यात्रा करते हैं. शारीरिक रोग होने पर प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति की शरण में जाते हैं. ऐसे लोगों के लिए प्रकृति का दिया हुआ वरदान है ब्राह्मी.

ब्राह्मी एक औषधीय पौधा है जो गीली जमीन पर फैलकर बड़ा होता है. इसके तने और पत्तियां मुलामय, गूदेदार और फूल सफेद होते है. यह बूटी नमी वाले स्थानों में अधिक पैदा होता है. इसकी मुख्य उपज भूमि भारत ही है. ब्राह्मी आयुर्वेद की एक ऐसी जड़ी-बूटी है, जो मस्तिष्क संबंधी 97 प्रकार के विकारों को ठीक करती है. डिप्रेशन (अवसाद) को मिटाने वाली दुनिया में यह सर्वश्रेष्ठ बुद्धि वृद्धि दाता प्राकृतिक विलक्षण ओषधि है. कहा जाता है कि सम्मोहन शक्ति साधना में भी इसका उपयोग किया जाता है.

विभिन्न भाषाओं में ब्राह्मी को अलग-अलग नामों से जाना जाता है. इसे हिंदी में ब्राह्मी, ब्रह्मी, वामी, ब्रह्ममंडूकि, सफेद चमनी कहा जाता है. मलयालम में इसे वर्ण, नीरब्राम्ही, मुयालचेवी जबकि मराठी में ब्राह्मी, ब्रह्ममण्डल के नाम से लोग जानते हैं. सिन्धी में में लुणुविल,गोटू. कोंकणी में- ढोलामानामानि घोल. उड़िया में लम्बक. गुजराती में ब्राह्मी, विद्याब्राह्मी, खंड़भराभि जल नेवरी. कन्नड़ में ओंदेग, उरेज. नेपाली में घोडाप्रे, गोलपात. तेलगु में शम्ब्रानीचैट, मण्डूकब्रह्मी. तमिल में वीमी, वल्लरी केरी कहा जाता है. बंगाली में इसे विर्मी,थुलकुड़ी, थानकुनीज कहते हैं. असम के तांत्रिकों के लिए विशेष उपयोगी माना गया है. लेटिन भाषा में ग्रॉशओला मोनीरा और इसका वैज्ञानिक नाम बाकोपा मोनिएरी है.

आमतौर पर बोलचाल की भाषा में ब्राह्मी को ‘ब्रेन बूस्टर’ के नाम से भी जाना जाता है. यह गीली मिट्टी में उगती है. इसमें छोटे-छोटे पर्पल या फिर सफेद फूल भी लगते हैं, जिनमें ज्यादा से ज्यादा पांच पंखुड़ियां होती हैं. फूलों सहित यह पौधा गुणकारी औषधि के रूप में प्रयोग में लाया जाता है. यह दिमाग के तीनों पहलुओं शॉर्ट टर्म मेमोरी, लांग टर्म मेमोरी और याद्दाश्त को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. इसके साथ ही ब्राह्मी कोर्टिसोल के स्तर को कम करने के लिए जानी जाती है, जो कि एक स्ट्रेस हार्मोन है. इसका प्रयोग तनाव और चिंता को कम करने के लिए किया जाता है. ब्राह्मी में एमिलॉइड यौगिक के पाए जाने की वजह से यह अल्जाइमर्स की बीमारी में काफी फायदेमंद होता है.

आयुर्वेद के विशेषज्ञों का कहना है कि ब्राह्मी में भरपूर मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट पाया जाता है जो कि एक स्वस्थ जीवन के लिए बेहद जरूरी है. यह शरीर के उन तत्वों को जड़ से खत्म करने का काम करता है जो कैंसर सेल्स को बढ़ने में मदद करते हैं. ब्राह्मी आर्थराइटिस से आराम पाने के लिए बेहतरीन नुस्खा है. इसके साथ- साथ यह गैस्ट्रिक अल्सर और बॉउल सिंड्रोम से भी बचाव करने में हमारी मदद करता है. ब्राह्मी के नियमित सेवन से पाचन संबंधी दिक्कतें भी दूर होती हैं, तथा पाचन तंत्र काफी मजबूत हो जाता है. शरीर में ब्लड शुगर लेवल को सही तरीके से रेगुलेट करने में भी ब्राह्मी अहम योगदान देता है. इसके साथ ही साथ यह हाइपोग्लिसीमिया के लक्षणों से भी आराम दिलाने में सहायक है. तमाम तरह की सौंदर्य समस्याओं में ब्राह्मी का प्रयोग औषधि के रूप में किया जाता है.

Brain booster ke liye upyogi hai brahmi

Written By
टीम द हिन्दी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *