भारत मंडपम में विदेशी मेहमानों के पीछे यह चक्र कहां का है? क्या है इसका इतिहास..

नई दिल्ली। G20 के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने सदस्य देशों के प्रतिनिधि भारत आ गए हैं। दिल्ली के प्रगति मैदान के भारत मंडपम में उनका जोर शोर से स्वागत किया जा रहा है। इसमें शामिल होने आए मेहमानों में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी, पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के प्रधानमंत्री ली कियांग, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैय्यप एर्दोगन, जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज, यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन और यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल, अर्जेंटीना के राष्ट्रपति अल्बर्टो फर्नांडीज समेत कई नेता शामिल हैं ।
भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सभी का भारत मंडपम में स्वागत कर रहे हैं। भारत मंडपम में भारतीय संस्कृति की झलक देखने को मिल रही है। भारत मंडपम पर जहां सभी मेहमानों का स्वागत किया जा रहा है। उसके पिछे एक चक्र की तस्वीर लगी है। आईए जानते हैं इस चक्र के बारे में
जानिए चक्र से जुड़े इतिहास….
भारत मंडपम पर बनी यह चक्र की तस्वीर हमारे देश के इतिहास की एक गवाही है। भारत के पूर्वी हिस्से में स्थित राज्य उड़ीसा के पुरी जिले के समुद्री तट पर स्थित कोर्णाक मंदिर का है। भारत मंडपम में दिखने वाले यह चक्र जिस कोर्णाक मंदर का हिस्सा है उसे सूर्य मंदिर भी कहा जाता है। कोर्णाक के इस सूर्य मंदिर को गंग वंश के राजा नरसिंह देव प्रथम ने 1250 ई0 में बनवाया था। भारतीय सांस्कृतिक विरासत में इसके महत्व को दर्शाने के लिए भारतीय 10 रूपये के नोट के पीछे कोणार्क सूर्य मंदिर को दर्शाया गया है। यह मन्दिर सूर्य देव को समर्पित था। जिन्हें स्थानीय लोग ‘बिरंचि-नारायण’ कहते थे।
क्या है इसी मंदिर से जुड़ी कहानियां…
पुराणों के अनुसार श्रीकृष्ण के पुत्र साम्ब को उनके श्राप से कोढ़ रोग हो गया था। साम्ब ने मित्रवन में चंद्रभागा नदी के सागर संगम पर कोणार्क में, बारह वर्षों तक तपस्या की और सूर्य देव को प्रसन्न किया था।सूर्यदेव, जो सभी रोगों के नाशक थे, ने इसके रोग का भी निवारण कर दिया था। इसके बाद साम्ब ने सूर्य भगवान के एक मन्दिर निर्माण का निश्चय किया। अपने रोग-नाश के उपरांत, चंद्रभागा नदी में स्नान करते हुए, उसे सूर्यदेव की एक मूर्ति मिली। यह मूर्ति सूर्यदेव के शरीर के ही भाग से, देवशिल्पी श्री विश्वकर्मा ने बनायी थी। साम्ब ने अपने बनवाये मित्रवन के एक मन्दिर में, इस मूर्ति को स्थापित किया। तब से यह स्थान पवित्र माना जाने लगा। मुख्य मन्दिर तीन मंडपों में बना है।
तेरहवीं सदी का मुख्य सूर्य मंदिर, एक महान रथ रूप में बना है। जिसके बारह जोड़ी सुसज्जित पहिए हैं। इन्हें सात घोड़ों द्वारा खींचा जाता है। कोणार्क सूर्य-मन्दिर का निर्माण लाल रंग के बलुआ पत्थरों तथा काले ग्रेनाइट के पत्थरों से किया गया है। इसे युनेस्को द्वारा सन् 1984 में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है। इसके प्रवेश द्वार पर ही नट मंदिर है। सम्पूर्ण मन्दिर स्थल को बारह जोड़ी चक्रों के साथ सात घोड़ों से खींचते हुये बनाया गया है।जिसमें सूर्य देव को विराजमान दिखाया गया है।
17 Comments
ivermectin 6 mg pills for humans – stromectol cost in usa order tegretol online cheap
order isotretinoin 40mg online cheap – cheap linezolid 600 mg linezolid 600mg usa
how to buy amoxicillin – cheap amoxil without prescription buy ipratropium no prescription
zithromax order – order tinidazole order bystolic 20mg for sale
brand omnacortil 40mg – omnacortil 40mg sale prometrium 200mg drug
neurontin 800mg usa – cost anafranil sporanox price
order lasix online – buy furosemide 100mg pills order betnovate 20 gm cream
purchase acticlate pill – order albuterol 4mg for sale glucotrol 5mg brand
amoxiclav pills – nizoral 200mg generic order duloxetine generic
augmentin 625mg drug – duloxetine brand order duloxetine 20mg online
semaglutide price – periactin 4mg cost cyproheptadine cost
buy tizanidine 2mg without prescription – hydrochlorothiazide 25 mg price hydrochlorothiazide pills
cialis 10mg – order sildenafil 100mg pills viagra 100mg generic
atorvastatin 40mg us – zestril 5mg cost buy prinivil
omeprazole to treat reflux – buy generic lopressor over the counter tenormin 100mg us
buy desloratadine pill – priligy online buy dapoxetine 60mg canada
misoprostol 200mcg ca – order misoprostol 200mcg buy diltiazem medication