सिविल सर्विस परीक्षाओं में हिंदी व अन्य मातृभाषाओं के प्रबल समर्थक- डॉ. विकास दिव्यकिर्ती
आज के वक़्त में जब भी कोई सरकारी या सिविल सर्विस परीक्षा देने के बारे में सोचता है तो कहीं न कहीं उसके दिमाग में सबसे पहला ख़्याल यही आता है कि इस परीक्षा में पास होने के लिए अंग्रेज़ी भाषा का ज्ञान होना सबसे ज़्यादा ज़रूरी है वरना इस परीक्षा में तो वो किसी भी हाल में उत्तीर्ण नहीं हो पाएगा! बस अभ्यर्थियों के इसी भ्रम को कई सालों से तोड़ने का काम कर रहे हैं- ‘आईएएस डॉ. विकास दिव्यकिर्ती’।
देशभर में सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे युवाओं के बीच सम्मानीय स्थान रखने वाले विकास हिन्दी माध्यम के छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की दौड़ में बने रहने का अवसर और आत्मविश्वास दोनों ही प्रदान कर रहे है। उन्होंने यूपीएससी एस्पिरेंट्स को अपने करियर को देखने हेतु एक नई दृष्टि प्रदान की है।
मूल रूप से शिक्षक व लेखक डॉ. विकास दिव्यकीर्ति की रुचि अनेक विषयों को पढ़ने और शोध करने में है। उन्होंने 1996 की सिविल सेवा परीक्षा में अपने पहले प्रयास में सफलता हासिल की और लगभग एक वर्ष तक भारत सरकार के गृह मंत्रालय में कार्य किया। उसके बाद वे अपने पद से त्यागपत्र देकर पुनः शिक्षण के क्षेत्र में उतरे और 1999 में ‘दृष्टि द विज़न’ संस्थान की स्थापना की। और आज यही दृष्टि संस्थान लाखों-करोड़ों यूपीएससी एस्पिरेंट्स को एक नई दिशा प्रदान कर रहा है। अभी तक इस संस्थान से जुड़े 1000 से भी अधिक अभ्यर्थियों ने केंद्रीय या राज्यस्तरीय सिविल सेवा परीक्षाओं में सफलता हासिल की है।
विकास अध्यापन कार्य के साथ-साथ समसामयिक मुद्दों की मासिक पत्रिका ‘दृष्टि करेंट अफेयर्स टुडे’ के लिये प्रधान सम्पादक की भूमिका भी निभा रहे हैं। दृष्टि मीडिया की देखरेख भी उन्हीं के मार्गदर्शन में की जा रही है। दृष्टि का यूट्यूब चैनल सबसे ज़्यादा देखे जाने वाला शैक्षिक चैनल है। जो हिंदी माध्यम के छात्रों को अच्छी गुणवत्ता की सामग्री उपलब्ध कराता है। दुनियाभर में इस चैनल के 6 मिलियन से अधिक सब्सक्राइबर्स है। इस चैनल के माध्यम से विकास सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए ऑडियो-विज़ुअल फॉर्मेट में नए-नए शैक्षणिक प्रयोग करते हैं। वे चीज़ों को अच्छी तरह से न केवल समझते हैं बल्कि उन्हें समझाते भी है। उनकी बोलने की शैली उनके व्यक्तित्व में चार-चाँद लगा देती है, वे बच्चों को काफी रोचक तरीके से पढ़ाते भी हैं। उनका पढ़ाने का तरीका इतना सरल, इतना सहज होता है कि वो हर किसी अभ्यर्थी को आसानी से समझ में आ जाता है।
विकास फिल्मों के ज़रिए, किस्सों के ज़रिए और कहानियों के ज़रिए छात्रों को एक अनोखे अंदाज़ में पढ़ाते हैं, जटिल भाव वाले दोहों को भी वे रोचक तरीके से छात्रों को समझाते हैं, बिना शब्दों के भाषा कैसे काम करती है इन दोहों के माध्यम से वे समझाते हैं।
उनके लेक्चर्स में हिंदी के साथ ही अन्य मातृभाषाओं का सम्मान भी देखने को मिलता है। भाषायी भेदभाव, सामाजिक व्यवहार, बोलचाल के तरीके और व्यक्तित्व की खोज जैसे तमाम विषयों पे उनके छोटे-छोटे वीडियो क्लिप्स दृष्टि के यूट्यूब चैनल पे उपलब्ध है।
चाहे हिंदी साहित्य हो या एथिक्स, चाहे निबंध हो या समाजशास्त्र, चाहे भूगोल हो या इतिहास हरेक विषय के बारे में डॉ. विकास दिव्यकिर्ती काफी शानदार तरीक़े से समझाते हैं। उनका संवाद कठिन विषय को भी सरल बना देता है। जीवन की छोटी लेकिन महत्वपूर्ण बातें डॉ. विकास दिव्यकिर्ती के वक्तव्यों में हमेशा शामिल होती है।
वे बताते हैं कि कि हास्य विनोद के माध्यम से गहरी बातें कैसे की जाए, चीज़ो को अलग नज़रिए से कैसे देखा जाए, प्रेरणा कैसे और कहाँ से ली जाए आदि।