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देव आनंद जूझते रहे आपातकाल में

देव आनंद जूझते रहे आपातकाल में
  • PublishedJune , 2019

‘पल भरके लिए कोई हमें प्यार कर ले झूठा ही सही’, ‘गाता रहे मेरा दिल’, ‘ऐसे न मुझे तुम देखो’, जैसे गानों से प्यार की बौछार करने वाले सदाबहार अभिनेता देव आनंद जिन पर हसिनाएं जान लुटाती थीं. जिन्हें देखकर लड़कियां मर-मिटती थी, जिनको लोग प्यार से देवसाहब कहते हैं, उन्होंने आपातकाल के समय में कुछ ऐसा किया कि लोग उनके और दिवाने हो गए.

किशोर कुमार की तरह ही देव आनंद को भी आपातकाल के समर्थन में दूरदर्शन पर बोलने को कहा गया था. लेकिन देवसाहब ने भी इस बात का खुलकर विरोध किया. केवल उन्होंने ही नहीं, उनके दोनों भाई चेतन आनंद और विजय आनद भी इसमें कूद पड़े और देवसाहब के साथ मिलकर भाषण दिया.

उस समय मुंबई के जुहू में भाषण दे रहे देवसाहब को लोगों का भरपूर समर्थन मिला. देवसाहब ने अपने भाषण में इंदिरा गांधी और उनके बेटे संजय गांधी पर जमकर तंज कसा. दोनांे के निरंकुश व्यवहार की आलोचना की. उपस्थित जनसमूह देव आनंद को अपना समर्थन दे रही थी, लेकिन जब देव आनंद के भाई भाषण देने आए, तो उन्होंने सरकार को चुनौती दी, हिम्मत है तो मुझे और मेरे भाई को गिरफ्तार करे सरकार.

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इनके भाषण से ‘जय प्रकाश नारायण’ और ‘सत्यजीत रे’ दोनों बहुत प्रभावित हुए. इन्हें सिनेमा जगत के अभिनेता प्राण, हृषिकेश मुखर्जी, शत्रुघ्न सिन्हा, डैनी और साधना ने अपना पूरा समर्थन दिया. इन सब ने मिलकर एक पार्टी बनाई, जिसका नाम था नेशनल पार्टी. ये पहली और आखिरी ऐसी पार्टी थी, जसको सिनेमा जगत के लोगों ने किसी मकसद के लिए बनाया था. शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि यह देवसाहब का एक स्पष्ट आह्वान था. हम लोकतंत्र के लिए लड़ने वाले थे. मैंने उसका पूरा समर्थन किया.

इतना सब होने के बाद कांग्रेस शांत कहां बैठने वाली थी. देवसाहब के भाषण के बाद सरकार ने उनके काम में बहुत अड़चनें डाली. देश-परदेश के शूटिंग के दौरान देवसाहब को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ा. देवसाहब ने हर मुश्किलों का डट कर सामना किया, लेकिन सरकार के सामने झुके नहीं. देवसाहब के इस हौसले की दाद देनी पड़ेगी. देवसाहब हर मायने में सदाबहार थे और हैं.

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Written By
टीम द हिन्दी

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