नए साल में, भारतीय नौसेना में देशी एडमिरल्स एपोलेट की शुरुआत
INDIAN NAVY WILL USE NEW ADMIRAL EPAULETTES:भारतीय नौसेना का वास्तविक भारतीयकरण की प्रक्रिया अपने जोर पर है। इस ओर एक और नया कदम उठाते हुए भारतीय नौसेना में अब एडमिरल के कंधों पर लगने वाली पट्टिका, जिसे एडमिरल्स एपोलेट भी कहते हैं, एक नए डिजाइन में नजर आएगी। इस डिजाइन को छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत से प्रेरणा लेते हुए बनाया गया है। नौसेना ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर जानकारी साझा करते हुए बताया है कि , “जैसा कि हम नववर्ष(,2024) में प्रवेश कर रहे हैं। भारतीय नौसेना पूरे गर्व से एडमिरल एपोलेट के लिए अपने नए डिजाइन का अनावरण कर रहे है”।
आपको बता दें कि 1 जनवरी 2024 से भारतीय नौसेना के प्रमुख पोस्ट यानी कि नौसेना प्रमुख समेत वाइस एडमिरल और रियर एडमिरल के लिए नया एपोलेट लगाना शुरू करेंगे। यह नया डिजाइन मराठा साम्राज्य की पहचान शिवाजी की राजमुद्रा या कहें शाही मुद्रा के अष्टकोणीय स्वरूप का प्रतीक के तौर पर ली गई है। नौसेना ने डिजाइन के इस अष्टकोणीय स्वरूप के बारे में बताया है कि यह 8 अलग-अलग दिशाओं को दर्शाते हैं। नए डिजाइन में नेवी ने अपने क्राउन प्रेरित लाल बैकग्राउंड के हटा दिया है जिसपर राष्ट्रीय प्रतीक लगता है।
हालांकि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले 4 दिसंबर को नौसेना दिवस पर इस बदलाव को लेकर पहले ही खुशी जता चुके हैं। उन्होंने अपने संबोधन में बताया था कि नौसेना अधिकारियों के ये नए एपोलेट आगे से छत्रपति शिवाजी की विरासत को प्रदर्शित करेंगे। पीएम मोदी ने इस बाबत यह भी कहा था कि अब भारतीय नौसेना अपनी परंपराओं के हिसाब से अपने रैंक का नाम रखेगी। उन्होंने ,भारत की सेनाओं को गुलामी की पहचान को छोड़कर अपनी विरासत और धरोहरों को प्रतीक के रूप में अपनाने की जरूरत पर भी जोर दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि “भारत आज अपने लिए बड़े लक्ष्य बना रहा है और इसे पूरा करने का मद्दा भी रखता है। यह भारत की क्षमता का परिचायक है।“