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गुरुग्राम में नकली कैंसर की दवाई बनाने का गैंग पकड़ा गया, भारतीयों के साथ साथ विदेशियों को भी फसाते थे अपने जाल में

गुरुग्राम में नकली कैंसर की दवाई बनाने का गैंग पकड़ा गया, भारतीयों के साथ साथ विदेशियों को भी फसाते थे अपने जाल में
  • PublishedMarch 13, 2024

Fake medicine: गाजियाबाद के बाद अब गुरूग्राम में नकली दवाइयां बनाने का गैंग पकड़ा गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी तक कुल 7 आरोपियों को पुलिस ने पकड़ा है। इनमें से 2 आरोपी दिल्ली के बड़े कैंसर अस्पताल के कर्मचारी थे| यह आरोपी ज्यादातर  दिल्ली के बाहर से आने वाले लोगों को अपना शिकार बनाते थे, जैसे हरियाणा, बिहार, नेपाल या फिर अफ्रीकी देशों के मरीज| पुलिस का कहना है कि आरोपी अस्पताल में मरीजों को कीमोथेरेपी के इस्तेमाल में लिए जाने वाले इंजेक्शंस की खाली शीशी जुटाते थे| फिर उन शीशियों में एंटी फंगल दवा भरकर बेचते थे| पुलिस ने जिन सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उनके नाम विफल जैन, सूरज शत, नीरज चौहान, परवेज, कोमल तिवारी, अभिनय कोहली और तुषार चौहान बताया जा रहा हैं| इनमें से नीरज गुरग्राम का रहने वाला बताया जा रहा है और अन्य आरोपी दिल्ली के रहने वाले हैं|

आपको बता दें कि दिल्ली पुलिस को सूचना मिली थी कि दिल्ली में एक गैंग नकली दवाइयां बना रहा है| जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने डीएलएफ कैपिटल ग्रीन्स में छापेमारी की, जो इस रैकेट का सबसे महत्वपूर्ण ठिकाना था| पुलिस के मुताबिक यहां पर विफल जैन कैंसर की नकली दवाइयां बनाता था| विफल इस गैंग का मुखिया है| उसके साथी इन दवाइयों की पैकिंग करते थे|  पुलिस ने यहां से 140 शीशियां बरामद की हैं| इन शीशियों पर ओपडाटा, कीट्रूडा, डेक्सट्रोज, फ्लुकोनाज़ोल नामी ब्रांड का नाम लिखा है|

पुलिस ने इस जगह से 50 हजार कैश, 1000 अमेरिकी डॉलर, शीशी की कैप को सील करने वाली तीन मशीन, एक हीटगन मशीन और 197 खाली शीशी बरामद की है| इसके साथ ही पैकेजिंग से जुड़े और भी नकली सामान पुलिस ने बरामद किए हैं| नकली शीशियों की कीमत लगभग एक करोड़ 75 लाख बताई जा रही हैं|

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Written By
टीम द हिन्दी

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