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हिन्दी दिवस विशेष…आइये आपको इसके इतिहास से रू-ब-रू कराते हैं।

हिन्दी दिवस विशेष…आइये आपको इसके इतिहास से रू-ब-रू कराते हैं।
  • PublishedSeptember , 2023

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नईदिल्ली।भारत में बहुसंख्य आबादी के लिए हिन्दी एक माध्यम है,अपनी भावनओं को व्यक्त करने की । वैसे तो भारत जैसे बहुभाषी देश में हर मील पर रंगरूप,संस्कार,व्यवहार सब बदल जाते हैं।ऐसे में पूरे देश को एकता के सूत्र में बांधने के लिए हम भारतवासियों ने हिन्दी को चुना है। हिन्दी के विकास और प्रसार के लिए हम भारतीय हर साल 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस के रूप में मनाते हैं। इस दिन सम्पूर्ण भारत में हिन्दी के महत्व को बताने के लिए और जन-जागरूकता के लिए भी हिन्दी दिवस मनाया जाता रहा है ।

भारत में हिन्दी बोलने वालों की संख्या तकरीबन 78 फीसदी है ।जो कि लगभग 64 करोड़ लोगो के लिए ऐसा माध्यम रहा है जिससे वे दैनिक जीवन के साथ-साथ सामाजिक जीवन में भी समन्वय स्थापित कर सकें। भारत में दूसरी भाषा के रूप में लगभग 20 करोड़ लोग तथा तीसरी भाषा के रूप मे 44 करोड़ लोग बोलते हैं हिन्दी।

भारत की दो अधिकारिक भाषाओं में एक हिन्दी और दूसरी अंग्रेजी को स्थान दिया गया है।हिन्दी दिवस का इतिहास भारत के स्वतंत्रता के दिनों से गिने जा सकते हैं। आजादी से पहले ही विद्वानों,साहित्यकारों द्वारा हिन्दी के उपयोग तथा विकास के लिए हिन्दी से जुड़े साहित्य सम्मेलनों का आयोजन किया गया था।

हिन्दी भारत सरकार की 22 अनुसुचित भाषाओं में से एक है।वैसे तो भारत का संविधान किसी भी भाषा विशेष को राष्ट्रीय भाषा का दर्जा नही देता। लेकिन भारत के अनुच्छेद 343 के अनुसार हिन्दी को अधिकारिक भाषा का दर्जा दिया गया है।हिन्दी, अंग्रेजी और मंदारिन (चीन की भाषा) के बाद सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। पूरी दुनिया में लगभग 600 मिलियन लोग हिन्दी का उपयोग बोलचाल के लिए करते हैं।

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आइये आपको हिन्दी दिवस के इतिहास से रू-ब-रू कराते हैं-

भारत जब आजाद हो रहा था तो  भारतीय जनता में अपनी भाषा,बोली,संस्कार और संस्कृत के लिए जज्बात का जगना स्वभाविक था। ऐसे में भारत की अंतरिम सरकार और आजाद भारत की पहली सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर एक भाषा के चयन को लेकर कई बार चर्चाएं की ।तब जा कर 14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में लिखी हिन्दी को भारत की अधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार करने की बात की। 14 सितम्बर 1953 को प्रथम हिन्दी दिवस मनाया गया। तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने इस दिन को भावनात्मक उदगार के रूप में देखा।तब से लेकर हर साल भारत में हिन्दी दिवस के दिन हम भारतीय हिन्दी को ना सिर्फ भाषा बल्कि एक जीवन शैली के रूप देखने और इसके प्रसार-प्रचार के दृढसंकल्पित होते हैं।

हिन्दी दिवस के दिन कई सारे साहित्यिक,सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।विभिन्न मंत्रालयों द्वारा हिन्दी दिवस पर राजभाषा गौरव पुरस्कार आदि दिए जाते हैं।सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयां (PSU’s),बैंक और विभिन्न नागरिक संगठन हिन्दी के लिए उनके योगदान को पुरस्कृत कर मनाते हैं।

बताते चलें कि हिन्दी भाषा का नाम हिन्दी फारसी शब्द हिंद से लिया गया है । फारस के लोग सिंध को हिंद कहा करतेथें। फारसी में का उच्चारण होता है। 11 वीं शताब्दी की शुरूआत में फारसी बोलने वालों ने सिंधु नदी के किनारे रहने वाले लोगों के लिए हिंद शब्द का उपयोग किया और सिंध के किनारे रहने वाले लोगों की भाषा हिन्दी हो गई। हिन्दी भाषा सिर्फ भारत में ही नहीं नेपाल,पाकिस्तान के साथ साथ मॉरीशस,फिजी,सिंगांपुर,त्रिनिदाद तथा टोबैगो में बोली जाती है।

Written By
टीम द हिन्दी

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