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सूर्य के उत्तरायण की कहानी मकर संक्रांति पर विशेष..

सूर्य के उत्तरायण की कहानी मकर संक्रांति पर विशेष..
  • PublishedJanuary , 2024

MAKAR SANKRANTI

MAKAR SANKRANTI 2024: आप सभी पाठकों को मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं। मकर संक्रांति का यह त्यौहार आपके जीवन में तमाम खुशियां लेकर आए, हम ऐसी कामना करते हैं। आपको बता दें कि मकर संक्रांति हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है तो इस अवसर को हम मकर संक्रांति के रूप में मनाते हैं। कहते हैं इस दिवस से दिन की अवधि तिल तिल कर बढ़ती है। शास्त्रों में मकर संक्रांति के दिन तिल के लड्डू और खिचड़ी का अपना एक अलग महत्व है।

मकर संक्रांति पर क्या होता है खास-

मकर संक्रांति के अवसर न सिर्फ तिल और खिचड़ी खाने की परंपरा है बल्कि इस दिन उत्तर भारत में लोग पूरे आसमान को पतंगों से भर देते हैं। वैसे तो आम दिनों में आपको आसमान का नीला रंग ही दिखता है लेकिन मकर संक्रांति के दिन पतंगों के अलग-अलग रंगों से पटा आसमान भी सतरंगी नहीं बल्कि बहुरंगी छटा बिखेरता है। भारत के पश्चिमी हिस्से में पतंग उत्सव को लेकर काफी उत्साह देखा जा सकता है। इस दिन खाई जाने वाली खिचड़ी को उन्नति और समृद्धि तथा तिल को सूर्य का  प्रतीक माना जाता है।

मकर संक्रांति पर सूर्य उत्तरायण होने लगता है यानी कि सूर्य उत्तर दिशा की ओर मुड़ने लगता है। इस दिन को एक नई शुरूआत के रूप में भी देखा जाता है। इस अवसर पर स्नान आदि कर के सूर्य देव की विधिवत पूजन के बाद तिल और गुड़ से बने भोजन को खाने का चलन है।

ज्योतिष में क्या महत्व है, इस दिन का-

मकर संक्रांति का ज्योतिष में बहुत ज्यादा महत्व है। इस दिन को पिता और पुत्र यानी कि सूर्य और शनि को जोड़कर देखा जाता है। कहते हैं इस विशेष दिन पर सूर्य अपने पुत्र शनि से मिलने आते हैं। इसके इतर शुक्र का उदय भी लगभग इसी समय होता है। इस दिन से शुभ कार्यों की शुरुआत होती है। अगर किसी भी इंसान की कुंडली में सूर्य या शनि की स्थिति कमजोर होती है तो इस दिन विशेष प्रकार की पूजा का भी विधान है।

इस मकर संक्रांत पर कौन से शुभ योग बन रहे हैं-

देश भर में आज मकर संक्रांति का पर्व बहुत उत्साह से मनाया जा रहा है। इस बार मकर संक्रांति पर बेहद ही शुभ संयोग बनता दिख रहा है। लगभग 30 सालों बाद शनिदेव अपनी राशि यानी कि कुंभ में विराज रहे हैं। जिस कारण बहुत ही उत्तम योग राजयोग बन रहा है। सूर्य और शनि के दूसरे से बारहवें घर में बैठे हैं, जिससे द्वि द्वादश योग भी बन रहा है। लगभग 75 साल बाद बन रहे वरीयन योग से 2024 का यह मकर संक्रांति काफी खास है। यह काफी शुभ और लाभकारी साबित हो सकता है।

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Written By
टीम द हिन्दी

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