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किसने कहा सबसे पहले कि पृथ्वी गोल है ?

किसने कहा सबसे पहले कि पृथ्वी गोल है ?
  • PublishedOctober , 2020

टीम हिन्दी

पृथ्वी गोल है, कहना, आज जितना सरल और सही लगता है। आज से लगभग पांच सौ वर्ष पूर्व पृथ्वी को गोल कहना उतना सरल और सही नहीं लगता था. क्योंकि तब हम पृथ्वी को सपाट मानते थे. पृथ्वी को कुछ लोगों ने चौकोर बताया तो कुछ ने गोल. हालांकि जिन लोगों ने गोल बताया वह भी अपनी थ्योरी में कन्फर्म नहीं थे

अब प्रश्न यह उठता है कि सर्वप्रथम किसने पृथ्वी के आकार सपाट या गोल होने के रूप में लगाया था ? याज्ञवल्क्य ने अपने संस्कृत के ग्रंथों में धरती को गोल ही लिखा था. कई रिसर्च और गहन अध्ययन के बाद आर्यभट्ट ने शून्य को दुनिया के सामने रख दिया और यह हमारे भारत का सबसे बड़ा गौरवान्वित दिन था जीरो की आधार पर ही हमारी पृथ्वी की परिधि का पता चला और यह पता लगा पाए कि आखिरकार जो हमारी पृथ्वी है वह कैसी है और उसका आकार कैसा है.

ग्रीक सिविलाइजेशन भी हिस्ट्री के समझदारों में है. अरस्तू और होमर हजारों साल पहले बता चुके थे कि धरती गोल है. उनसे भी पहले थे साइंटिस्ट पाइथागोरस. वो भी गणित के बूते पर कहते थे. 15वीं सदी में इटली की धरती पर आए गैलीलियो. उन्होंने बनाया टेलिस्कोप. दुनिया को दिखाया कि बात में दम है. लेकिन ये सब लोग मानते थे कि धरती सौर मंडल का सेंटर है. फाइनली आइजक न्यूटन ने सबकी बोलती बंद कर दी. उन्होनें बनाया नया रिफ्लेक्टिंग टेलिस्कोप. सबको बुला बुला के दिखाया कि देख लो अपनी आंखों से. तब कहीं जाकर बहस खत्म हई.

यूरोपियन इतिहास के अनुसार पहली बार जिसने इस बात को पूरी तरह कनफर्म किया वह था पुर्तगाली नाविक माजीलान। जो सोलहवीं शताब्दी में जन्मा था। वह अधिकतर समुन्द्री यात्राओं पर रहता था और दूर तक फैले समुन्द्र का कर्व रूप देखकर उसने यह निष्कर्ष निकाला था।

कुछ लोग कुरआन हकीम की 71 वीं सूरे नूह की उन्नीसवी और बीसवीं आयत ‘और अल्लाह ने ही तुम्हारे लिये ज़मीन को फर्श बनाया ताकि तुम उसके बड़े बड़े कुशादा रास्तों में चला फिरा करो।’ को आधार बनाकर कहा करते हैं कि कुरआन में ज़मीन को चपटा बताया गया है। जबकि इस आयत से ऐसा कुछ नहीं साबित होता। हकीकत ये है कि इस्लाम ने हमेशा ज़मीन को गोल माना।

दुनिया और ब्रह्मांड की संरचना के बारे में विभिन्न राष्ट्रों के अपने विचार थे। इस सवाल का जवाब देने से पहले कि पृथ्वी कौन गोल है, आपको अन्य संस्करणों के साथ खुद को परिचित करना चाहिए। शांति-निर्माण के शुरुआती सिद्धांतों ने दावा किया कि पृथ्वी समतल थी (जैसा कि लोगों ने देखा)। उन्होंने स्वर्गीय निकायों (सूर्य, चंद्रमा, सितारों) के आंदोलन को इस तथ्य के लिए जिम्मेदार ठहराया कि यह उनका ग्रह था जो ब्रह्मांड और ब्रह्मांड का केंद्र था।

प्राचीन मिस्र में, पृथ्वी का प्रतिनिधित्व चार हाथियों पर पड़ी एक डिस्क से होता था. बदले में, वे समुद्र में तैरते हुए एक विशालकाय कछुए पर खड़े थे. जिसने खोजा कि पृथ्वी गोल है, वह अभी तक पैदा नहीं हुई है, लेकिन फिरौन के ऋषियों का सिद्धांत भूकंप और बाढ़, सूर्योदय और सूर्यास्त के कारणों की व्याख्या कर सकता है. यूनानियों ने भी दुनिया के बारे में अपने विचार रखे. उनकी समझ में स्थलीय डिस्क खगोलीय क्षेत्रों के साथ कवर की गई थी, जिससे उन्हें तारों के अदृश्य तारों द्वारा संलग्न किया गया था। वे चाँद और सूरज को देवता मानते थे, सेलेना और हेलिओस। फिर भी पन्नाकोक और ड्रेयर की पुस्तकों में प्राचीन ग्रीक ऋषियों की कृतियों को एकत्र किया गया है, जो आम तौर पर स्वीकृत विचारों के विपरीत हैं। एराटोस्थनीज और अरस्तू वे थे जिन्होंने खोज की कि पृथ्वी गोल है।

पृथ्वी गोल है के बारे में पहला विचार ग्रीक दार्शनिक एराटोस्थनीज द्वारा व्यक्त किया गया था, जिसने चौथी शताब्दी ईसा पूर्व में ग्रह की त्रिज्या को मापा था. उसकी गणना की त्रुटि केवल एक प्रतिशत थी! फर्नांड मैगलन ने सोलहवीं शताब्दी में अपने अनुमानों का परीक्षण किया था, जिसने अपना प्रसिद्ध विश्व दौरा पूरा किया था. किसने साबित किया कि पृथ्वी गोल है? सैद्धांतिक रूप से, गैलीलियो गैलीली ने ऐसा किया, जो, निश्चित रूप से, यह निश्चित था कि यह वह था जो सूरज के चारों ओर घूम रहा था, और इसके विपरीत नहीं|

Kisne kaha sabse phele ki prithvi gol hai

 

Written By
टीम द हिन्दी

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