डीपफेक वीडियोज के जाल का शिकार हुई आलिया भट्ट, AI से जरा संभलकर
ALIA DEEPFAKE VIDEO: इन दिनों एआई (Artificial intelligence) की मदद से बनाई जा रही डीपफेक वीडियोज तेजी से वायरल हो रहे हैं। एक के बाद एक सेलिब्रेटि का नाम इसमें जुड़ता चला जा रहा है। इस बार डीपफेक वीडियोज में एक नया नाम जुड़ गया है। वह है बॉलीवुड की टॉप एक्ट्रेस आलिया भट्ट का। हालांकि इंटरनेट पर इस तरह के वीडियो आय दिन वायरल होते रहते हैं। लेकिन डीपफेक का इस्तेमाल कर गलत वीडियो आज कल इंटरनेट सेनसेशन का हिस्सा बनती जा रही है। इंटरनेट पर आलिया भट्ट का जो डीपफेक वीडियो वायरल हो रहा है, उसमें एक लड़की है। जो कि हू-ब-हू आलिया भट्ट जैसी दिखती है।
वीडियो में जो लड़की है उसने नीले रंग का फ्लोरल को-ऑर्ड सेट पहन रखा है और कैमरे में अश्लील इशारे करते हुए देखी जा सकती है। हालांकि बहुत ही ध्यान से देखने पर आप को पता चल सकता है कि यह लड़की आलिया भट्ट नहीं है। अगर आप को एडिटिंग की जानकारी है तो आप इसे पहचान सकते हैं कि इस वीडियो में आलिया के चेहरे को किसी और शरीर के ऊपर पेस्ट-एडिट किया गया है।
आपको बता दें कि आलिया भट्ट के इस वीडियो से पहले बॉलिवुड की कई नामचीन हस्तियां इसका शिकार हो चुकी है। इस तरह के वीडियो को इंटरनेट पर खूब सेनसेशन भी मिलता है। हालांकि यह तकनीक का दुरूपयोग है। इस तकनीक का शिकार कई सारे सेलिब्रेटी और नेता भी हो चुके हैं। इससे पहले रश्मिका मंदाना का भी डीपफेक वीडियो इंटरनेट पर सुर्खिया बटोर रहा था। हालांकि तकनीक के इस दुरूपयोग पर अभिनेत्री ने चिंता जताई थी। रश्मिका मंदाना के डीपफेक वीडियो से कुछ दिन पहले ही बॉलीवुड की जाने मानी अभिनेत्री जिसकी जोड़ी ने शाहरूख खान के साथ स्क्रीन पर लाखों-करोड़ों दिलों पर राज किया है यानी कि काजोल का भी डीपफेक वीडियो ने इंटरनेट पर तहलका मचा रखा था। इंटरनेट पर जारी इस डीपफेक वीडियो में काजोल के चेहरे की किसी और शरीर पर लगाकर उसे कैमरे के सामने कपड़े बदलते दिखाया गया है।
तकनीक के इस दुरूपयोग पर फिल्म इंडस्ट्री के साथ साथ सरकार भी काफी चिंतित है। पिछले दिनों देश के प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस तकनीक के दुरूपयोग पर चिंता जाहिर की थी। उन्होंने एक पब्लिक रैली में अपने एक डीपफेक वीडियो के बारे में बताते हुए चिंता जाहिर की थी जिसमें उन्हें दांडिया करते हुए दिखाया गया है। प्रधानमंत्री ने इसे आने वाले समय में साइबर क्राईम की दुनिया में एक बड़ी चिंता के रूप में बताया। उन्होंने कहा कि इस तरह की तकनीक का दुरूपयोग लोगों के विश्वास के साथ खिलवाड़ है।
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