आखिर क्यूँ भारत ने जी 20 सम्मेलन से इतर अमेरिका और सऊदी के लिए तोड़ा प्रोटोकॉल ?
नई दिल्ली । सामान्य तौर पर जब कोई देश जी 20 की मेजबानी करता है तो वह किसी भी देश को अलग से कोई विशेष बैठक या वार्ता के लिए आमंत्रित नही करता है।लेकिन इस बार भारत ने लीक से हट कर कुछ ऐसा किया है कि सारी दुनिया हैरान है।
भारत इस बार जी 20 सम्मेलन के साथ साथ अमेरिका के राष्ट्रपति जॉन बाईडेन और सऊदी के राजकुमार मुहम्मद बिन सलमान के साथ अलग से भी मुलाकात करने वाला है। माना जा रहा है कि भारत के इस द्विपक्षीय वार्ता में कई अहम मुद्दों पे बातें हो सकती हैं। अमेरिका के साथ भारत छोटे परमाणु संयंत्र से जुड़े समझौते के साथ साथ यूक्रेन और व्यापार पर भी बात कर सकता है। बताते चलें कि आज कल दुनिया में छोटे स्तर के परमाणु संयत्रों पर चर्चा काफ़ी गरम है। छोटे होने के कारण इनका ढुलाव काफी आसान हो जाता है। यह छोटे होने के साथ साथ काफी पोर्टेबल भी होते हैं ।जिसके कारण इन्हें कहीं भी लगाया जा सकता है और ले जाया भी जा सकता है।
हाल में प्रधानमंत्री मोदी जी के अमेरिका दौरे पर इन मुद्दों पर काफ़ी लंबी बातचीत चली थी । इस बातचीत में भारत की ओर से न्यूक्लियर पॉवर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और अमेरिका की ओर से वाशिंगटन इलेक्ट्रिक कम्पनी ने हिस्सा लिया था ।जिसके दौरान भारत में छह नए छोटे स्तर के परमाणु संयंत्र लगाने पर बात हुई।
बताते चलें कि भारत इस बार दुनिया के सामने जी 20 जैसे वैश्विक सम्मेलन का मेजबानी कर अपनी वैश्विक नेतृत्व का झंडा गाड़ने वाला है। जी 20 के सम्मेलन में सभी सदस्य गण शामिल होने के लिए भारत आ रहे हैं। मोदी जी ने खुद से सभी देशों के सदस्य गणों के आमंत्रण पर अपनी पैनी नज़र बना रखी है। जी 20 का सम्मेलन इस बार भारत के लिए काफ़ी खास होने वाला है।