मंगलवार, 24 दिसंबर 2024
Close
साहित्य

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस विशेष- अहो मेरा भाग्य!

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस विशेष- अहो मेरा भाग्य!
  • PublishedMarch , 2020

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं!
अहो! मेरा भाग्य
..
चार दीवारी का यह मकान,
अहो! मेरा भाग्य
है मेरी कर्मभूमि भी,
यही मेरी पहचान
सिमटा ली है मैंने
अपनी दुनिया
इन्ही दीवारों के मध्य !

कोने मैं रखा वह झाड़ू
सिंक में पड़े झूठे बर्तन
तथा एक टूटी बाल्टी!
मेरा मनोरंजन भी हैं
और मेरे औजार भी!
मैं झूलती रहती हूँ
मनोरंजन व औजारों के मध्य !

और
कभी कभी एक आवाज !
दिलासा दे जाती है,
माँ ‘ओ’ माँ !
अच्छा लगता है
यह शब्द सुनकर
‘माँ’!
कहाँ रखा है मेरा मोजा?
संभाल कर भी नहीं रख सकती!

और मैं!
ढूंढने लगती हूँ
पूरी शिद्दत से
जैसे मेरे जीवन का गंतव्य
यही है बस यही है!

Antarrashtriye diwas ki subhkamanaye

Written By
टीम द हिन्दी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *