आदि गुरु शंकराचार्य की सबसे ऊंची प्रतिमा का अनावरण..
भारत के तीर्थनगरी ओम्कारेश्वर में भारत के जगतगुरू आदि शंकराचार्य की 108 फीट ऊँची प्रतिमा का अनावरण किया गया । यह प्रतिमा पूरी दुनिया में आदिगुरू शंकराचार्य की सबसे ऊँची प्रतिमा है। करीब 2100 करोड़ की लागत से बने इस प्रोजेक्ट में अष्टधातु से निर्मित यह प्रतिमा आदि गुरु शंकराचार्य के 12 वर्ष के आयु की है। प्रतिमा के अनावरण के साथ ही अद्वैत लोक नाम के एक संग्रहालय भी बनाया गया। जिसे आचार्य शंकर अंतर्राष्ट्रीय अद्वैत वेदांत संस्थान के अंतर्गत रखा गया है।
बताते चलें कि ओंकारेश्वर आदि शंकराचार्य की ज्ञान स्थली रहा है। जिस कारण यहां आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा स्थापित की गई है। ओंकारेश्वर को मंदिरों का शहर भी कहा जाता है। ओंकारेश्वर भगवान शिव के कुल 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। आदि गुरु शंकराचार्य की 108 फुट ऊंची अष्टधातु की इस प्रतिमा को नर्मदा नदी के किनारे सुरम्य मांधाता पहाड़ी के ऊपर स्थापित किया गया है। बताया जा रहा है कि एकात्म धाम में बना संग्रहालय को पुराने मंदिरों की स्थापत्य शैली के आधार पर बनाया गया है। जिसमें 3D होलोग्राम प्रोजेक्शन गैलरी के साथ-साथ आचार्य के सिद्धांतो को समझाने के तौर पर भी काम करेगा।
बताया जाता है कि भारत के दक्षिण राज्य केरल में जन्मे शंकराचार्य ने जब बाल्यावस्था में संन्यास लिया था तो वो ओंकारेश्वर पहुंचे थे। जहां बाद में उन्हें उनके गुरु गोविंद भगवत्पाद के दर्शन हुए थे। धर्म के इस नगरी में रहकर उन्होंने 4 वर्षों तक विधा प्राप्त की थी। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक दुनिया को अद्वैत वेदांत का दर्शन आदि गुरु शंकराचार्य ने ओंकारेश्वर से निकल कर दिया था। इसी कारण आदि गुरु के 12 वर्ष के आयु की प्रतिमा का अनावरण किया गया है।
प्रतिमा का अनावरण मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने किया। समारोह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के साथ उनकी पत्नी भी थी । दोनों ने साथ में पूजा-अर्चना की और हवन में भाग भी लिया। आदि गुरु की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा पूरे धार्मिक अनुष्ठानों के साथ की गई। इस आयोजन में भारी संख्या में दूर से आए साधु संतों ने भी भाग लिया।